Menu
blogid : 1960 postid : 29

जागरण फोरम

it's Sunil
it's Sunil
  • 22 Posts
  • 7 Comments

उत्तर प्रदेश में नयी सरकार ने अभी शपथ भी नहीं ली है और मीडिया ये हल्ला मचाना शुरू कर दिया कि ये गुंडा राज कि वापसी है , इसको आग कुछ हिंसक घटनाओ ने और भी हवा दी.मायावती ने भी येही आशंका जताई है.

ये सब निराशवादी विचार है अभी नए मुख्या मंत्री ने सपथ भी नहीं ली है पुराणी सरकत अभी भी कम कर रही है और जो चुनाव पश्चात् कि घटनाए हुई है उन्हें कण्ट्रोल करना तथा दोषियों के विरुद्ध कारवाही करना मायावती कि जिम्मेदारी थी नाकि वे उस और मुख मोड़ ले और ये कहने लगे कि ये तो अभी आगाझ है आगे आगे देखिये होता है क्या.? ये कह कर वे जाने क्या साबित करना चाहती थी ये तो छुपा नहीं है पर मुख्या मंत्री तो थी ही वे.

मीडिया तो निराश ही करता है , वह या तो किसी को आसमा पर बैठाता है या जमी पर उतार देता है . उसे लोगो के अकंशाओ से कोई विशेष मतलब नहीं लगता उसे से तो अपनी टी आर पी बढ़ने कि ही रहती है और ये बहस बढ़ा कर वह ये कर रहा है अन्यथा वे लोगो के निर्णय को
गुंडाराज का डर दिखाने वाली खबरों से अपमानित नहीं करता .हायद पहली बार नरेन्द्र मोदी के जितने पर भी इस तरह का दुष्प्रचार किया था और इतिहास गवाह है कि उसके बाद गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ .

अखिलेश यादव एक युवा नेता है और एक नयी सोच के साथ आये है , क्या दी पी यादव को बहार का रास्ता दिखाना उनकी नयी सोच का सन्देश नहीं था .वे अपने पडोसी राज्य बिहार से भी सबक लेंगे .बिहार कि प्रगति उनके लिए एक संकेत है.

और मुख्या मंत्री बन ने से पहले कि जो पार्टी के अन्दर उठापटक हुई जिसमे आजम खान और उनके चाचा को बदलने पर मजबूर किया ये भी आने वाले कल कि औए इंगित करता है., और अपनी पार्ट की छवि बदलने और आने वाले लोक सभा में इस से और अच्छा करने का उनके पास ये अवसर है जो वे यदि पूर्ण बहुमत के न होने पर नहीं कर सकते थे . यही बहुमत उन्हें अपनी पार्टी ये अन्वान्चीत तत्वों को बहार करने देगा .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh